अमेरिकी सेमीकंडक्टर दिग्गज Nvidia और Advanced Micro Devices (AMD) ने चीन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चिप्स बेचने से होने वाले राजस्व का 15% हिस्सा अमेरिकी सरकार को देने पर सहमति जताई है।
यह ऐतिहासिक डील व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और Nvidia के CEO जेनसन हुआंग की मुलाकात के दौरान तय हुई।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में असामान्य समझौता
फाइनेंशियल टाइम्स, ब्लूमबर्ग और न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डील अंतरराष्ट्रीय टेक व्यापार में बेहद असामान्य है। आमतौर पर सरकारें कंपनियों से सीधे बिक्री राजस्व का हिस्सा नहीं लेतीं, लेकिन अमेरिका-चीन के बीच चल रहे टेक वॉर की वजह से यह कदम उठाया गया।
AI मार्केट में Nvidia की बढ़त
- Nvidia दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी है।
- पिछले महीने यह $4 ट्रिलियन मार्केट कैप तक पहुंचने वाली पहली कंपनी बनी।
- AI को वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य माना जा रहा है और Nvidia इस रेस में सबसे आगे है।
अमेरिका-चीन टेक टकराव की पृष्ठभूमि
- अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर चीन को हाई-एंड चिप्स के निर्यात पर रोक लगा रखी है।
- Nvidia को चीन में अपने शक्तिशाली AI चिप्स बेचने की अनुमति नहीं थी।
- इसके बाद कंपनी ने विशेष रूप से चीनी बाजार के लिए कम पावर वाला “H20” वर्ज़न बनाया।
- व्हाइट हाउस की बैठक से पहले इन चिप्स की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी नहीं हुए थे, लेकिन शुक्रवार को अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने इन लाइसेंसों को जारी करना शुरू कर दिया।
AMD का समझौता
- सिलिकॉन वैली स्थित AMD भी चीन को अपने MI308 AI चिप्स की बिक्री से होने वाले राजस्व का 15% अमेरिकी सरकार को देगी।
- इन चिप्स पर पहले चीन को निर्यात करने की रोक थी।
सरकार को भारी आय की उम्मीद
- न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस डील से अमेरिकी सरकार को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा की आय हो सकती है।
- ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में कई सेमीकंडक्टर आयातों पर 100% टैरिफ लागू किया है।
- हालांकि, उन कंपनियों को छूट दी जा रही है जो अमेरिका में बड़े निवेश की घोषणा करती हैं।
निष्कर्ष
Nvidia और AMD की यह डील न केवल अमेरिका-चीन टेक रिलेशन को प्रभावित करेगी बल्कि वैश्विक AI चिप मार्केट में भी बड़े बदलाव ला सकती है। निवेशकों और टेक इंडस्ट्री की नजर अब इस बात पर होगी कि आने वाले महीनों में यह समझौता बाजार पर कैसा असर डालता है।